गद्य किसे कहते हैं (आसान परिभाषा) | Gadya Kise Kahate Hain – 2023

विद्यार्थियों आज हम हिन्दी बिषय के एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न पर बात करेंगे। जिसमें हम आपको गद्य के बारे में बतायेंगे। इस पोस्ट को पूरा पढ़कर आप जान पायेंगे की गद्य किसे कहते हैं? आप इस आर्टिकल में गद्य और पद्य के बीच अन्तर भी पढ़ेंगे, तो ध्यान से पढ़िये-

आपको इस परिभाषा को याद करने में काफी ज्यादा सुविधा होगी क्योकि इसकी भाषा बिल्कुल साधारण है। आपसे हिन्दी की परीक्षा में पूछा जा सकता है की, गद्य की परिभाष  लिखो ? तो आपको इस परिभाषा को अपनी उत्तरपुस्तिका में लिखकर अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।

प्रश्न: गद्य किसे कहते हैं (परिभाषा) अपने शब्दों में लिखिये ?

उत्तर – (क्या आपको पता है की गद्य लेखन से पहले पद्य लिखने की शुरूवात हो चुकी थी। हिन्दु धर्म से सम्बन्धित लगभग सभी रचनाएं पद्य विधा में ही लिखी हुई है। अब चलिये गद्य की परिभाषा को भी पढ़ लेते हैं।)

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छंद, ताल, लय एवं तुकबंदी से मुक्त तथा विचारपूर्ण एवं वाक्यबद्ध रचना को गद्य कहते हैं।

गद्य शब्द गद् धातु में यत प्रत्यय जोड़ने से बना हुआ शब्द है | गद् शब्द का हिन्दी अर्थ बोलना, बतलाना या कहना होता है |ज्यादातर हम जो भी बातचीत आदि करते हैं वो सभी गद्य में ही बोली जाती है | इसमें कोई भी अपनी बात को किसी दूसरे को काफी ज्यादा आसानी से समझा सकता है और समझ भी सकता है | हम सभी अपने विचारों को मस्तिष्क में गद्य के रूप में ही सोचते हैं |

अगर गहनता से देखा जाये तो हम प्रत्यक्ष देख सकते हैं की आधुनिक हिन्दी साहित्य की सबसे अधिक घटनायें गद्य में ही लिखी गयी हैं |

हिंदी गद्य से संबंधित एक यह भी विचारधारा है की दिल्ली और मेरठ के आस-पास(नजदीकी क्षेत्रों में) बोली जाने वाली खड़ी बोली के साहित्यिक रूप को ही हिंदी गद्य के रूप में जाना जाता है |

भाषा विज्ञान की दृष्टि से ब्रजभाषा, खड़ी बोली, कन्नौजी, हरियाणवी, बुंदेलखंडी, अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी इन 8 बोलियों को हिंदी गद्य के अंतर्गत रखा गया है | हिंदी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग राजस्थानी एवं ब्रजभाषा में देखने को मिलते हैं |

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दोस्तों हमने अभी गद्य के बारे में बात की |हमें आशा है आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा | अब अपने अगले महत्वपूर्ण बिषय की ओर बढ़ते हैं, जिसमें हम गद्य और पद्य के बीच अन्तर को समझेंगे और याद भी करेंगे | तो चलिये शुरू करते हैं –

प्रश्न: गद्य और पद्य में अन्तर स्पष्ट कीजिये।

उत्तर – गद्य व पद्य में अन्तर निम्नलिखित है –

गद्यपद्य
गद्य में रचना करने वाला लेखक होता है।पद्य में रचना करने वाले को कवि कहते हैं।
गद्य में रचना अनुच्छेद के रूप में होती है।पद्य में रचना पंक्तियों के रूप में होती है।
गद्य में प्रसांगिक कथायें नहीं होती है।पद्य में प्रसांगिक कथाएं होती हैं।
गद्य में मानवीकरण नहीं होता है।पद्य में मानवीकरण होता है।
गद्य की विधाएं – निबंध कहानी एकांकी आदि।पद्य की विधाएं – छंद, दोहा, सोरठा, चौपाई आदि।

दोस्तों अगर आप हिन्दी में और अधिक पढ़ना चाहते हो तो आप हिन्दी गद्य साहित्य के इतिहास के बारे में पढ़ सकते हैं जो की काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपकी परीक्षा की दृष्टि से इसमें सभी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरों का समावेश किया गया है।

विद्यार्थियों अगर आपको हमारा यह प्रयास पसंद आया तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर करें। आपका अगर कोई भी सवाल हो तो आप कमेंट में पूछ सकते हैं।
hindiraja.in पर visit करने के लिये आपका दिल से शुक्रिया…!

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