अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करें – बहुत सारे लोग अपनी जिंदगी में बहुत सारे लक्ष्य बनाते हैं लेकिन, बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाते हैं और उससे भी कम लोग होते हैं जो, लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद सच में खुश हो पाते हैं।
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ज्यादातर लोगों के द्वारा बनाए गए लक्ष्य खुद के बनाए हुए नहीं होते हैं, उन गोल्स को या तो उनके माँ-बाप ने उनके लिए बनाया होता है या पूरा समाज उनके लिए कहीं न कहीं कोई मंजिल बना रहा होता है।
ऐसे में अगर कोई इंसान पूरी ताकत के बाद अपनी मंजिल तक पहुँच भी जाता है, तब भी पूरी तरह खुश नहीं हो पाटा है क्योंकि वह सच में उसकी मंजिल नहीं होती है इसलिए, केवल मंजिल के पीछे भागते रहना महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि, उससे पहले सही मंजिल चुनना भी बहुत बड़ी समझदारी है।
आपके बहुत सारे प्रश्नों को देखने के बाद हमने इस पोस्ट को लिखने का निर्णय लिया है, जिसमें हम आपको बताएंगे की अपनी मंजिल को कैसे प्राप्त करें और लाइफ में अपने लिए सही गोल का चुनाव कैसे करें? जो पोस्ट को अंत तक पढ़ लेगा उसको बहुत सारे कठिन सवालों के जबाब मिल जाएंगे।
सही लक्ष्य का चुनाव करें –
मंजिल तक पहुँचने से पहले बहुत लोग हार मान जाते हैं, ज्यादातर लोग इसलिए हार जाते हैं क्योंकि वे जिस लक्ष्य के लिए मेहनत कर रहे होते हैं, वे उसके लिए बने ही नहीं होते हैं।
यह बात सही है कि यदि ठान लिया जाए तो, ज्यादार चीजे बहुत आसान हो जाती हैं लेकिन, हर व्यक्ति के अंदर कुछ गुण ऐसे होते हैं जिनमें वह माहिर होता है जबकि, कुछ गुण ऐसे होते हैं जिनको निखारना पड़ता है।
यदि आप ऐसे गुणों को पहचान जाते हैं जो आपके अंदर बचपन से ही हैं या समय के साथ अपने आप ही विकसित हो गए हैं, यदि आप उनको ध्यान में रखकर एक सही लक्ष्य चुनेंगे तो आपके सफल होने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे।
जैसे यदि आप बचपन से ही अपने स्कूल में मंच पर बोलते हैं और आपके अंदर भाषण देने की कला है तो, आप पॉलिटिक्स की तरफ जा सकते हैं। हाँ आपको सीखना तो फिर भी पड़ेगा लेकिन यह शून्य से शुरूरात नहीं होगी और आप ऐसे लोगों से कॉम्पिटिशन में आगे निकल जाएंगे जिन्होंने बचपन से मंच पर बोलने की प्रैक्टिस नहीं की है।
सही उद्देश्य का चुनाव करना पहला और महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे समय लगाकर और अपने आप को अच्छे से समझकर ही करना चाहिए। अगर उद्देश्य सही चुन लिया तो जीत लगभग पक्की है, समय चाहे कितना भी लगे।
अच्छी तरह प्लानिंग करें –
प्लानिंग से किए गए कार्य में गलतियों की संभावना कम होती है। आप जितनी अच्छी प्लानिंग करेंगे आपको आपकी मंजिल को पाना उतना ही आसान लगने लग जाएगा।
कोशिश करें की एक डायरी अपने साथ जरूर रखें जिसमें, आप पूरी प्लानिंग बनाकर रखें। उदाहरण के लिए यदि आपको IAS बनना है तो, आप इस तरह से प्लानिंग कर सकते हैं –
◆ सबसे पहले मुझे किसी छोटी सरकारी सर्विस के लिए तैयारी करनी है ताकि, मैं अपने भविष्य को सुरक्षित कर पाऊँ। छोटी सरकारी नौकरी के लिए पुलिस कांस्टेबल की नौकरी सही रहेगी।
◆ पुलिस की नौकरी पाने में लगभग 1 साल का समय लग जाएगा। अब उसके बाद हम UPSC की तैयरी करेंगे और उसके लिए दिल्ली जाएंगे।
★ आआप अपने तरीके से मात्र बुलेट पॉइंट में लिखेंगे या मन मे रखेंगे की आपको शुरुआत में क्या करना है, उसके बाद क्या करना है।
लक्ष्य को आसान बनाए –
जैसे कि उपरोक्त पॉइंट में भी बताया जा चुका है कि उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक अच्छी प्लानिंग आपकी बहुत मदद करती है लेकिन, प्लानिंग करते वक्त यदि छोटे-छोटे टास्क बनाए जाएं तो, अच्छा रहता है।
अपनी मंजिल तक पहुँचने के रास्ते पर चलते समय यदि यात्रा को छोटे-छोटे हिस्सों में तोड़ लिया जाता है तो, जब हम थोड़ा आगे आ जाते हैं तो हमें खुद से अच्छा महसूस होता है कि हम यहाँ तक प्लान के मुताबिक आ गए हैं और जब यहाँ तक आ गए हैं तो आगे की यात्रा भी हो ही जाएगी। यह विचार मन में उत्साह पैदा करता है जो, आपकी हिम्मत बाँधे रखता है।
हर बड़े टास्क को पूरा करने के लिए एक समय अवधि निर्धारित करो कि कितने समय में क्या हासिल कर लेना है? अब उस टास्क को पूरा करने के लिए आपको आज कौन-कौन से छोटे-छोटे टास्क पूरे करने चाहिए उनकी लिस्ट बनाइये।
बस अब काम आसान हो गया है आपको पता है कि यदि रोज ये टास्क पूरे कर लिए तो, आपका मकसद पूरा हो जाएगा।
हर दिन बेहतर बनें –
जिस मंजिल को आप पाना चाहते हैं उसी मंजिल के पता नही कितने और हजारों-लाखों लोग आस लगाए बैठे हैं। बहुत सारे लोग उसके लिए जी-जान से लगे हुए हैं।
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ऐसे में यदि आप रोज अपने आप में सकारात्मक बदलाव नहीं लाते हैं और अपने आप को पिछले दिन से बेहतर इंसान नहीं बनाते हैं तो, कॉम्पिटिशन की इस दुनिया में लाइन में आपसे पीछे खड़े लोग आपके सिर पर पैर रखकर निकल जाएंगे।
हार का सामना और जीतोड़ मेहनत –
चाहे कोई भी व्यक्ति हो उसकी 100% योजनाए सफल नहीं होती है, कई बार जब आप बीच में मेहनत करने में ढील कर देते हैं तो, बनी-बनाई सारी प्लानिंग फेल हो जाती है और आपको भी हार का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में असफल हो जाने के बाद केवल आपको हारकर नहीं बैठ जाना है बल्कि, आपको अपनी गलतियों को मानना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए।
गलती करना गलत नहीं है बल्कि, बार-बार एक ही गलती करना गलत है। हार जाएं तो सीखें लेकिन, रिजल्ट आने से पहले जब तक संभव हो, मेहनत इतनी जीतोड़ करें की हारने की संभावना न के बराबर रह जाए।
चाहे किसी भी बिजनेस में सफल होना हो या किसी सरकारी नौकरी को पाना हो या किसी भी कार्य में सफलता चाहते हैं तो, एक बात हमेशा ध्यान रखें की अगर सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो, उसकी तरह जलना भी पड़ेगा। कीमत हर चीज की चुकानी पड़ती है, अगर आपको सफलता चाहिए तो, समय देना होगा और साथ ही ऐसे बहुत सारे कार्यों को छोड़ना होगा, जो आपको पसंद हो सकते हैं।
समय को बर्बाद न होने दें –
जो लोग इस समय सफल हैं और जो लोग इस समय सफल नहीं हैं, एक ऐसी चीज है जो दोनों में अलग है। आप गौर कीजिए की सफल व्यक्ति अपने समय को सही जगह इस्तेमाल करता है और असफल होने वाले को पता ही नहीं होता है कि कितना समय कहाँ लगाना सही है।
ऐसा नहीं है कि सफल लोग जिंदगी को एन्जॉय नहीं करते हैं, वे भी घूमने जाते हैं, अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं लेकिन, इन सभी चीजों के बीच एक संतुलन बनाए रखते हैं।
आपको भी यदि अपने लक्ष्य को जल्दी से जल्दी पाना है तो, अपने समय को सही जगह लगाना शुरू कर दीजिए और अपने दिन का सबसे ज्यादा और यदि कहें तो ज्यादा से ज्यादा समय अपने लक्ष्य के बारे में रणनीति बनाने में, मंजिल पाने के लिए मेहनत करने में लगाएं।
मन के बजाय दिमाग की सुनें –
जिसने यह पॉइंट को ध्यान से समझ लिया उसे उसकी मंजिल तक पँहुचने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती है। मजेदार बात यह है कि आप में से 99% लोग इसे पढ़ने और समझने के बाद भी फॉलो नहीं कर पाएंगे।
पॉइंट केवल इतना-सा ही है कि आपको अपने मन की बात को न सुनकर दिमाग की बात को सुनना है। जैसे यदि आपको कोई एग्जाम निकलना है और आपको पता भी है कि उसे निकालने के लिए आपको कम से कम रोज 5 घंटे पढ़ाई करनी है लेकिन, जैसे ही आप पढ़ने बैठे तभी आपका मन पढ़ने के लिए नहीं करता है और आपको लगता है कि अभी पढ़ाई का मन नहीं है इसलिए 5 मिनट बाद पढ़ाई शुरू करेंगे, बस यह आदत आपको नहीं बनानी है।
अगर आपको पता है कि यह आपका पढ़ाई का समय है तो पढ़ाई करने बैठ जाएं। अब चाहे मन करे या न करे आप पढ़ते रहें, चाहे याद भी न हो लेकिन द्रढ़ता से वही करें जो आप करना चाहते हैं। आपने यदि इस नियम को अपना लिया तो, इस पोस्ट में बताए सभी नियम को फॉलो करने से जितना फायदा होगा उतना फायदा केवल इस नियम को फॉलो करने से होगा।
दूसरों की गलतियों से ज्यादा सीखें –
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि दूसरों की गलतियों से सीखों क्योंकि, सभी प्रयोग खुद पर करके सीखने के लिए आपकी उम्र कम पड़ जाएगी।
यह कितना सरल है लेकिन, फिर भी सभी लोग इसको फॉलो नहीं कर पाते और गलतियाँ करते-करते समय निकलता रहता है और बाद में उन्हें अपने लक्ष्य को भूलना पड़ता है। इसके बाद वे चाहते हैं कि उनके बच्चे उस मुकाम को हासिल करें।
मैने कई बिजनेसमैन देखे हैं जो किसी बिजनेस को शुरू करते हैं और बिना पूरी जानकारी के ही बिजनेस में उतर जाते हैं और फिर से वही गलती करते हैं जो, उनसे पहले हजारों लोगों द्वारा की जा चुकी है और उस एक गलती ने कई बिजनेस डूबा भी दिए हैं।
ध्यान रखें कि हर बार आप कोई नयी गलती करें तो, समझ में आता है लेकिन यदि आप उसी गलती को दोहराते हैं जो, आपसे पहले बहुत लोग कर चुके हैं तो यह आपके लिए सोचने का बिषय है।
बार-बार न भटकें –
जब आप एक बार लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं तो, निर्धारित करते समय ही उसपर पूरा ध्यान दें और मार्ग में आने वाली सभी चुनौतियों के बारे में जान लें, पूरी रणनीति बना लें तभी आगे बढ़े।
कोशिश करें की यह गलती न करें की आधे रास्ते में आने के बाद पता चले की, यह मेरी मंजिल ही नहीं है या शायद मैने गलत उद्देश्य चुन लिया है और फिर आप किसी और उद्देश्य के लिए शुरू से सोचना शुरू कर दें और वर्तमान रास्ते पर चलने से आपका ध्यान हट जाए।
कोशिश करें की जिंदगी में एक बार में एक लक्ष्य बनाए और उसके बारे में सोचें, उसके लिए काम करें और उसको पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दें, मंजिल खुद चलकर आपसे पास आ जाएगी।
आत्मविश्वास सफलता दिलाएगा –
जितने भी व्यक्ति किसी बड़े मुकाम पर हैं, आप उनमें एक अलग ही आत्मविश्वास महसूस कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि वह आत्मविश्वास उनमें उस मुकाम पर पहुँचने के बाद आया है बल्कि, वह आत्मविश्वास उनके अंदर बहुत पहले से था इसलिए आज वे इस मुकाम पर हैं।
जरूरत के ज्यादा आत्मविश्वास आपको डूबा देगा और जरूरत से कम आत्मविश्वास आपको जीतने ही नहीं देगा इसलिए, अपने सामर्थ्य पर विश्वास भी रखें लेकिन, सामने आ रही चुनौतियों को बिल्कुल ही आसान न समझें।
छोटी सफलता छोटा ईनाम –
भले ही आपने किसी बड़े मुकाम पर पहुँचने का सपना देखा है लेकिन, अपनी छोटी-छोटी कामयाबी को सेलिब्रेट करना भी बहुत जरूरी है।
आप यदि आप अपनी छोटी सफलता के बाद अपने आप को कोई छोटा-सा इनाम देते हैं तो, आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आपको लंबे समय तक मेहनत करने पर भी थकान महसूस नहीं होती है।
लक्ष्य लिखना जरूरी है –
लक्ष्य को लिखना बहुत जरूरी है लेकिन, उसके साथ में उस लक्ष्य को चुनने का कारण भी लिखना जरूरी है। आपको रोज उसे देखते भी रहना है और रोज सोने से पहले यह जरूर सोचना है कि आज आप अपने मुकाम के कितने करीब आ गए हैं।
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अपने सपने को किसी भी ऐसी जगह लिखकर लगाना जरूरी है जहाँ आपकी नजर दिन में कई बार पड़ती रहती है। कोशिश करें की किसी ऐसी जगह ही अपना सपना लिखकर चिपकाएँ जहाँ बहुत ज्यादा लोग आपके सपने को न देख सकें बल्कि, केवल आपके घर के सदस्य ही उसको देख सकें।
अंतिम शब्द –
आशा करता हूँ आपने पूरी पोस्ट को ध्यान से पढ़ा होगा और अब आपको बहुत कुछ साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा होगा की, लाइफ में अपने लिए लक्ष्य चुनना कितना महत्वपूर्ण है और फिर उसके लिए मेहनत करने का सही तरीका क्या है, जिससे सफलता मिलने के चांस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
जो व्यक्ति सफल है और जो व्यक्ति असफल है. इन दोनों तरह के लोगों में जो अंतर् मुख्य होता है, अब तो आप वह भी जान चुके हैं तो, इस नॉलेज का लाभ उठाइये और सफल लोगों की तरह