पूजा नियम नहीं जानते तो, पूजा का फल नहीं बल्कि पाप लगेगा

Puja Ke Niyam -सनातन धर्म में नित्यप्रति बहुत सारी देवी-देवताओं की पूजा का अलग-अलग महत्व है।(Puja ke niyam nahi jante toh) लेकिन गलत समय पर किए पूजा से पूजा कभी भी फलदायी नहीं होती है, वह हमेशा अधूरी मानी जाती है, इसलिए जान लीजिए क्या है पूजा-पाठ का सही समय…

घर हो चाहे मंदिर हो सनातन धर्म में देवी-देवताओं की प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जाती है। पूजा-पाठ करने से मन को शांति तो प्राप्त होती ही है, बल्कि जीवन में शुभता भी आती है और ईश्वर प्रश्न होकर हमें आशीर्वाद भी देते हैं।

लेकिन पूजा करने का पुण्य आपको तभी मिलेगा, जब आप सही समय और नियम के अनुसार पूजा करेंगे। गलत समय पर किए पूजा से देईश्वर नाराज हो जाते हैं और ऐसे में पूजा पूरी नहीं मानी जाती है, कई बार इस पूजा का गलत फल भी मिल सकता है।

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शास्त्रों में पूजा-पाठ से संबंधित कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत आवश्यक होता है. आइये आपको बताते हैं क्या है पूजा का सबसे सही समय |

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सही समय पर ही करें पूजा –

आप खुद के घर पर नियमित रूप से पूजा करते हैं और ईश्वर से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं, लेकिन ईश्वर आपकी पूजा को तभी स्वाकीर करेंगे जब पूजा सही समय पर की गई हो. इसलिए हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के लिए टाइम निर्धारित किए गए हैं।

इस समय न करें पूजा

शास्त्रों कहते हैं की, दोपहर में पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए। यह समय पूजा के लिए निषेध माना जाता है। इस समय की गई पूजा ईश्वर स्वीकर नहीं करते हैं, इसलिए दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक पूजा नहीं करनी चाहिए। इस समय की गई पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है।

वहीं अगर आपने आरती कर ली है तो, इसके बाद पूजा की विधि न करें। ऐसा माना जाता है कि आरती पूजा के सबसे बाद में की जाती है और इसके बाद देवी-देवता सो जाते हैं। इसलिए आरती के पहले ही पूजा की अन्य चीजें करें।

महिलाओं को ऐसे टाइम भी कभी पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, जब माहवारी चल रही हो। इस दौरान न ही मंदिर जाकर भगवान के दर्शन-पूजन करें और न ही घर पर पूजा-पाठ करें।(Puja ke niyam nahi jante toh) साथ ही माहवारी के दौरान देवी-देवताओं की मूर्ति, पवित्र पेड़-पौधे और पूजा सामग्री को छूने से भी बचना चाहिए।

ऐसे समय में पूजा न करें जब घर पर सूतक और पातक लगा हो, मतलब जब घर पर किसी छोटे बच्चे का जन्म हुआ हो या किसी की मृत्यु हुई हो। इस समय पूजा करने को अच्छा नहीं माना जाता है।

इसके साथ ही ग्रहण आदि में भी पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए लेकिन, इस दौरान आप भगवान का ध्यान और मंत्रों का जाप करें तो कोई समस्या नहीं है।

जानिए क्या है पूजा का सबसे सही समय –

ज्योतिष के हिसाब से, पूरे दिन में आप 5 बार पूजा-पाठ कर सकते हैं। इसके लिए शास्त्रों में टाइम भी बताया गया है। इस समय का पालन करके आप दिन में एक बार, दो बार या अपनी इच्छा के और आपको मिलने वाले समय के अनुसार 5 बार भी पूजा कर सकते हैं –

पहली पूजाप्रातः 04:30 से 5:00 बजे तक
दूसरी पूजाप्रातः 09 बजे तक
मध्याह्न पूजादोपहर में 12 बजे तक
संध्या पूजाशाम 04:30 से 6:00 बजे तक
शयन पूजारात्रि 9:00 बजे तक

Disclaimer: यहां बताई गई जानकारी सिर्फ मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। इन सभी में HindiRaja.in किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अपने जीवन में फॉलो करने के लिए संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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