शंकर जी अकेले ऐसे भगवान हैं, जिनके द्वारा दुनिया में हर किसी को अपनाया गया है। (शंकर जी को क्यों प्रिय है धतूरा) अब फिर चाहे विषपान करना हो या फिर भष्म लगाना या फिर सर्प को अपने लगे में आभूषण की तरह डालना हो, शंकर जी के ऐसे श्रंगार को देखकर आप समझ सकते हैं की भोलेबाबा ने उस हर एक चीज को अपनाया है, जिन्हें अन्य देवी देवताओं द्वारा नहीं अपनाया गया। आपने भगवान की प्रतिमा देखी होगी तो उसमें भी शिव भष्म एवं फूल-पत्तों से श्रंगार करते नज़र आते हैं।
शंकर जी का श्रंगार किस ओर करते हैं इशारा –
शंकर जी श्रंगार के रूप में धतूरा, बेलपत्र स्वीकार करते हैं।(शंकर जी को क्यों प्रिय है धतूरा) शंकर जी का यह श्रंगार हम सभी को यह समझाने के लिए है की, जिसको समाज भी स्वीकार नहीं करता है, भगवान उसको भी स्वीकार कर लेते हैं।
भगवान शंकर को को धतूरा चढ़ाया जाता है जोकि, इतना जहरीला फल होता है, यह मानवजाति के लिए इस बात इस बात की सीख है की, हम सभी लोगों को व्यक्तिगत जीवन में, पारिवारिक जीवन में और सामाजिक जीवन में बुरे वर्ताव और पसंद न आने वाली बातों को भूलकर रिश्तों को मधुर बनाना चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति को केवल अपने हित चिंता न करते हुए दूसरों का हितेषी भी बनाना चाहिए। शंकर जी को धतूरा प्रिय है, इस बिषय पर जानकार मानते हैं की, लोगों को शिव-मंदिर जाकर शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने के बाद मन और विचारों की कड़वाहट को निकालने और उसमें मधुरता लाने के लिए संकल्प लेना चाहिए। वास्तव में यही सच्ची पूजा है, जिससे भगवान शंकर आपसे खुश होंगे।
शिव को क्यों प्रिय है धतूरा –
देवी भागवत पुराण के अनुसार शंकर जी के श्रंगार में सबसे ज्यादा चढ़ाया जाने वाला फल धतूरे (शंकर जी को क्यों प्रिय है धतूरा) और बेल पत्र आदि के बारे में बात की गई है। इसमें लिखा है की देवताओं और दैत्यों द्वारा समुद्र मंथन किया गया, उसमें से जब विष निकला जब शंकर जी ने विष को अपने कंठ में धारण किया था।
इससे वे थोड़े व्याकुल हो गए जिसके बाद अश्विनी कुमारों ने उनकी व्याकुलता को दूर करने के लिए भांग, धतूरा, बेल जैसी औषधियों का प्रयोग किया और उनकी व्याकुलता को दूर किया। ऐसा कहते हैं की उस समय से ही शंकर भगवान को भांग-धतूरा प्रिय है। इसलिए यदि कोई भी प्राणी भगवान को भांग धतूरा चढ़ाता है, भगवान उससे खुश रहते हैं।
Disclaimer – इस आर्टिकल में बताई जाने वाली जानकारियां और सूचनाएं केवल सामान्य जानकारी के आधार पर लिखी गई हैं। HindiRaja.in इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी बात को फॉलो करने से पहले इस बिषय के जानकार से राय जरूर लें।
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